गुलों में रंग भरे बादे-नौबहार चले...

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ये पूछना ज़रूरी नहीं है कि जिस तरह फ़ैज़ को पाकिस्तान का हर बड़ा गायक गाता है उस तरह फ़ैज़ का समकालीन कौन है जिसे उसके देश का हर बड़ा गायक गाता है.
सुनिये मेहंदी हसन की गाई ये बहुत बार सुनी जा चुकी ग़ज़ल.






 
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shefali - September 1, 2007 at 2:30 PM

hi, this is a beutiful all time great ghazal sung by mehandi hasan sahab. i appreciate your efforts to showcase faiz.
inayatullah

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