यहां जो प्लेयर है उस पर शुरू में आप सुनेंगे फ़ैज़ साहब की आवाज़ में नक्श-ए-फ़रियादी से पांच नज़्में और कुछ इब्तेदाई अशआर-
1.रात यूं दिल में तेरी खोई हुई याद आई
2.फिर कोई आया दिल-ए-ज़ार नहीं कोई नहीं
3.चंद रोज़ और मेरी जान
4.बोल कि लब आज़ाद हैं तेरे
5.मौज़ू-ए-सुख़न
6.हम लोग
इस पेशकश के आख़ीर में आप नूरजहां से सुनेंगे...मुझसे पहली सी मोहब्बत मेरे महबूब न मांग
ये पाकिस्तान में बनी फ़िल्म क़ैदी (1962) से लिया गया है. इसे देखते हुए सुनने के लिये यहां जाएं.
Labels: अश'आर, इरफ़ान, क़ैदी, नक्शे फ़रियादी, नज़्में, नूरजहां, पॉड्कास्ट, फ़ैज़ के साथ
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
साधुवाद स्वीकारें रेयाज भाई, फैज की सभी रचनाएं नेट पर उपलब्ध करवा सकें तो यह एक महत्वपूर्ण काम होगा ।